सस्ती जेनेरिक दवाओं की सच्चाई: क्या सच में असरदार और सुरक्षित हैं ?

क्या आप जानते हैं कि भारत में हर साल लाखों मौतें उन दवाओं की वजह से होती हैं, जो अप्रभावी या नकली होती हैं?

जब दवाओं की बात आती है, तो सुरक्षा और प्रभावशीलता सबसे अहम होती है। हालांकि, बाजार में सस्ती जेनेरिक दवाओं का चलन बढ़ रहा है, लेकिन कई लोग आज भी ये मानते हैं कि ये दवाएं ब्रांडेड दवाओं जितनी प्रभावी और सुरक्षित नहीं होतीं। क्या सच में ऐसा है?

दवाओं का इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए किया जाता है, लेकिन इन दवाओं की कीमत और उनकी गुणवत्ता हमेशा एक बड़ा सवाल बन जाती है। जब हम दवाओं की खरीदारी करते हैं, तो हमारे मन में यह सवाल उठता है कि क्या जेनेरिक दवाएं (Generic Medicines) उतनी ही प्रभावी और सुरक्षित होती हैं जितनी कि ब्रांडेड दवाएं (Branded Medicines)? क्या जेनेरिक दवाओं की कम कीमत उनकी गुणवत्ता पर सवाल उठाती है?  

मेरे लिए, जेनेरिक दवाओं के प्रति पूर्वाग्रह कुछ सालों पहले तक था। जैसे ही मुझे किसी बीमारी के इलाज के लिए दवाओं की जरूरत पड़ी, मैंने हमेशा ब्रांडेड दवाओं को प्राथमिकता दी। मुझे हमेशा यह डर था कि जेनेरिक दवाएं उतनी प्रभावी नहीं हो सकतीं या इनकी गुणवत्ता में कोई कमी हो सकती है। मैंने सोचा कि ब्रांडेड दवाएं, जिनमें बड़े नाम और विपणन खर्चे होते हैं, ज़रूर ज्यादा प्रभावी और सुरक्षित होंगी।

लेकिन जब मैंने फार्मास्युटिकल उद्योग में काम करना शुरू किया और इसके विभिन्न पहलुओं को समझा, तो मुझे एहसास हुआ कि जेनेरिक दवाएं भी वहीं प्रभाव डालती हैं जो ब्रांडेड दवाएं करती हैं, बशर्ते वे नियामक मानकों के तहत बनाई गई हों। मैंने अपने चिकित्सक से इस बारे में बात की, और उन्होंने बताया कि जेनेरिक दवाएं उसी सक्रिय तत्व का उपयोग करती हैं, जो ब्रांडेड दवाओं में होता है। इसके बाद, मैंने कई बार जेनेरिक दवाओं का उपयोग किया और पाया कि वे उतनी ही प्रभावी और सुरक्षित होती हैं, जितनी ब्रांडेड दवाएं।

क्या जेनेरिक दवाएं आपके स्वास्थ्य के लिए उतनी ही सुरक्षित हैं जितनी कि ब्रांडेड दवाएं? इस ब्लॉग में हम आपको इस सवाल का उत्तर देंगे और बताएंगे कि एक्सपर्ट्स इस पर क्या कहते हैं।

“ क्या सस्ती जेनेरिक दवाएं हैं उतनी ही भरोसेमंद जितनी ब्रांडेड ?
जानिए उनके पीछे छुपे सच और विशेषज्ञों की राय ”

जेनेरिक दवाएं क्या होती हैं?

जेनेरिक दवाएं उन दवाओं को कहा जाता है, जो किसी ब्रांडेड दवा के समान सक्रिय तत्व (Active Ingredient) के साथ बनाई जाती हैं, लेकिन इनका नाम और पैकेजिंग ब्रांडेड दवाओं से अलग होता है। ये दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में कम कीमत पर उपलब्ध होती हैं क्योंकि इनमें प्रचार और ब्रांडिंग खर्चे नहीं होते हैं। जेनेरिक दवाओं को समान प्रभाव (bioequivalence) के तौर पर प्रमाणित किया जाता है, यानी कि ये वही प्रभाव डालती हैं जो ब्रांडेड दवाएं करती हैं, लेकिन इनके उत्पादन में कम खर्चा आता है।

जेनेरिक दवाओं का उत्पादन क्यों किया जाता है?

दवाओं के उत्पादन में जेनेरिक दवाओं का उत्पादन एक बहुत बड़ा कदम है, जो स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच को आसान और सस्ता बनाता है। जब कोई नई दवा पहली बार मार्केट में आती है, तो उसे बनाने वाली कंपनी उसे पेटेंट करवाती है। इसका मतलब है कि किसी और कंपनी को उस दवा का निर्माण करने की अनुमति नहीं होती। लेकिन पेटेंट खत्म होने के बाद, दूसरी कंपनियां उस दवा का उत्पादन कर सकती हैं, और उन्हें जेनेरिक दवा कहा जाता है।

जेनेरिक दवाओं का मुख्य कारण स्वास्थ्य देखभाल की लागत को कम करना है। जब पेटेंट समाप्त होता है, तो अन्य कंपनियां कम कीमत में उसी सक्रिय घटक (Active Ingredient) का उपयोग करके दवा का उत्पादन करती हैं। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती होती हैं, बल्कि लाखों लोग जिनके पास महंगी दवाएं खरीदने की क्षमता नहीं होती, उन्हें भी आवश्यक दवाएं मिल जाती हैं।

ब्रांडेड दवाओं और जेनेरिक दवाओं के बीच अंतर

ब्रांडेड और जेनेरिक दवाओं के बीच मुख्य अंतर उनकी कीमत और ब्रांड पहचान में होता है। ब्रांडेड दवाएं एक कंपनी द्वारा विकसित की जाती हैं और उस कंपनी का नाम उनके उत्पाद पर प्रमुखता से दिया जाता है। दूसरी ओर, जेनेरिक दवाओं के नाम पर किसी विशेष कंपनी का ब्रांड नाम नहीं होता, बल्कि यह दवा उस सक्रिय तत्व के नाम पर आधारित होती है जो दवा में मौजूद होता है।

ब्रांडेड दवाओं की कीमत अधिक होती है क्योंकि इनकी बिक्री के लिए कंपनियां विज्ञापन, प्रचार, और रिसर्च एवं डेवलपमेंट (R&D) में भारी खर्च करती हैं। जेनेरिक दवाएं इसके मुकाबले सस्ती होती हैं, क्योंकि इनमें इन खर्चों को घटाया जाता है। हालांकि, दोनों प्रकार की दवाएं उसी सक्रिय तत्व का उपयोग करती हैं, जो बीमारी को ठीक करने के लिए जिम्मेदार होता है।

क्या जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तरह सुरक्षित और असरदार हैं?

यह सवाल एकदम सही है, और इस पर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन सामान्यतः यह कहा जा सकता है कि जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं के समान ही सुरक्षित और प्रभावी होती हैं, बशर्ते कि वे नियामक मानकों के तहत बनाई गई हों।

समान सक्रिय तत्व (Active Ingredient)

जेनेरिक दवाएं और ब्रांडेड दवाएं दोनों में वही सक्रिय तत्व होता है, जो बीमारी के इलाज के लिए जिम्मेदार होता है। यह सुनिश्चित करता है कि दोनों दवाएं शरीर पर वही प्रभाव डालें। जेनेरिक दवाएं किसी ब्रांडेड दवा के पेटेंट की समाप्ति के बाद बनाई जाती हैं, और इनका उद्देश्य उसी प्रभाव को कम कीमत पर उपलब्ध कराना है।

जैविक समानता (Bioequivalence)

हर जेनेरिक दवा को जैविक समानता (Bioequivalence) के परीक्षण से गुजरना पड़ता है। इसका मतलब है कि जेनेरिक दवा का शरीर में अवशोषण और प्रभाव ब्रांडेड दवा के समान होना चाहिए। जैविक समानता के परीक्षण में यह जांचा जाता है कि दवा शरीर में कितनी तेजी से और कितनी मात्रा में अवशोषित होती है। यदि जैविक समानता के मानदंड पूरे होते हैं, तो यह प्रमाणित हो जाता है कि जेनेरिक दवा ब्रांडेड दवा जितनी प्रभावी है।

गुणवत्ता की जांच

जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए, सरकारी नियामक एजेंसियां जैसे फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) और भारत में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) इन दवाओं की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखते हैं। इन एजेंसियों द्वारा दवाओं के निर्माण और गुणवत्ता मानकों की जांच की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दवाएं मानकों के अनुरूप हैं।

दुष्प्रभाव (Side Effects)

किसी भी दवा के दुष्प्रभाव उसकी गुणवत्ता और सुरक्षितता से जुड़े होते हैं। जेनेरिक दवाएं उन दवाओं के समान ही प्रभाव डालती हैं जो ब्रांडेड दवाएं करती हैं, क्योंकि दोनों में समान सक्रिय तत्व होते हैं। हालांकि, कभी-कभी जेनेरिक दवाओं के सेवन से मामूली दुष्प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं, जो कि उस दवा में मौजूद फार्मास्युटिकल सहायता तत्व (excipient) के कारण हो सकते हैं, जो ब्रांडेड दवाओं में भिन्न हो सकते हैं। इस कारण से, जेनेरिक दवाओं के दुष्प्रभाव कुछ मामलों में अलग हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर ये दवाएं ब्रांडेड दवाओं जितनी सुरक्षित होती हैं।

क्या जेनेरिक दवाएं सस्ती होती हैं?

हां, जेनेरिक दवाएं आमतौर पर ब्रांडेड दवाओं की तुलना में सस्ती होती हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि इन दवाओं में ब्रांडिंग, विज्ञापन, और भारी R&D खर्च नहीं होता है। इसके अलावा, एक बार जब ब्रांडेड दवा का पेटेंट समाप्त हो जाता है, तो अन्य कंपनियां उसी दवा का उत्पादन करने लगती हैं, जिससे प्रतियोगिता बढ़ जाती है और दवाओं की कीमत घट जाती है। यही कारण है कि जेनेरिक दवाएं सस्ती होती हैं, जबकि वे प्रभावशीलता और सुरक्षा में ब्रांडेड दवाओं से समान होती हैं।

एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

विशेषज्ञों का मानना है कि जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं के समान प्रभावी और सुरक्षित होती हैं, बशर्ते वे नियामक मानकों के तहत बनाई गई हों। भारतीय फार्मास्युटिकल एसोसिएशन (IPA) के अध्यक्ष, डॉ. आर. के. यादव का कहना है, “जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता ब्रांडेड दवाओं के बराबर होती है। केवल दवा के पैकेजिंग और ब्रांड नाम में अंतर होता है, जबकि सक्रिय तत्व एक जैसे होते हैं।”

इसी प्रकार, डॉ. अजय अग्रवाल, जो एक वरिष्ठ फार्मासिस्ट हैं, उनका कहना है, “जो दवाएं नियामक मानकों के तहत बनाई जाती हैं, वे सुरक्षित होती हैं, चाहे वे जेनेरिक हों या ब्रांडेड। हां, कुछ मामलों में जेनेरिक दवाओं के दुष्प्रभाव में थोड़ी भिन्नता हो सकती है, लेकिन यह सामान्य है।”

आप कैसे पता लगा सकते हैं कि कोई जेनेरिक दवा विश्वसनीय है या नहीं?

जेनेरिक दवाओं का उपयोग बढ़ते जा रहा है, लेकिन दवाओं की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। कुछ आसान तरीके जिससे आप पता लगा सकते हैं कि कोई जेनेरिक दवा विश्वसनीय है या नहीं।

हमेशा दवाएं लाइसेंस प्राप्त फार्मेसी से ही खरीदें। एक प्रमाणित और मान्यता प्राप्त फार्मेसी सिर्फ गुणवत्ता वाली दवाएं ही बेचती है। ऐसे फार्मेसी में दवाओं के उचित स्टोरिंग और डिस्पेंसिंग की प्रक्रिया होती है, जिससे दवाओं की गुणवत्ता बनी रहती है। इसी के साथ, यदि आप ऑनलाइन दवाएं खरीदते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप किसी सर्टिफाइड और विश्वसनीय वेबसाइट से ही दवाएं खरीद रहे हैं। बहुत सी वेबसाइटों पर नकली दवाएं बेची जा सकती हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती हैं।

दवा खरीदते समय हमेशा बैच नंबर और एक्सपायरी डेट चेक करें। ये दोनों जानकारी दवा के उत्पादन और उसकी ताजगी को सुनिश्चित करती हैं। बैच नंबर से यह पता चलता है कि दवा किस बैच में तैयार की गई थी, और क्या उसमें कोई निर्माण संबंधी दोष तो नहीं है। एक्सपायरी डेट से यह सुनिश्चित होता है कि दवा का प्रभाव और गुणवत्ता अभी तक सुरक्षित है और वह उपयोग के लिए उपयुक्त है। अगर दवा की एक्सपायरी डेट पास हो चुकी है, तो उसे न खरीदें, क्योंकि एक्सपायर्ड दवाओं में असरदार तत्व कम हो सकते हैं और वे आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं।

जेनेरिक दवाओं की पैकिंग में भी विशेष ध्यान देना चाहिए। दवाओं के पैक पर स्पष्ट रूप से मैन्युफैक्चरिंग कंपनी का नाम, निर्माण तिथि, बैच नंबर, डॉसिज़, और संग्रहण के निर्देश दिए होते हैं। अगर ये जानकारी पूरी तरह से स्पष्ट और सही नहीं है, तो उस दवा को खरीदने से बचें। पैकिंग की गुणवत्ता भी दवा की विश्वसनीयता का एक संकेत हो सकती है।

जेनेरिक दवाओं के निर्माता को देशी और अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्राप्त होना चाहिए। जैसे कि WHO-GMP (World Health Organization-Good Manufacturing Practice) प्रमाणन, जो यह सुनिश्चित करता है कि दवा निर्माण प्रक्रिया उच्चतम मानकों के अनुसार हो रही है। इसके अलावा, FDA और CDSCO जैसी एजेंसियों से अनुमोदित दवाएं ज्यादा विश्वसनीय मानी जाती हैं। आपको दवा की पैकिंग पर इन प्रमाणपत्रों का उल्लेख देखना चाहिए, ताकि आप सुनिश्चित कर सकें कि दवा उच्च गुणवत्ता वाले निर्माण प्रक्रिया से गुजर चुकी है।

यदि आपको किसी दवा के बारे में संदेह हो, तो हमेशा अपने चिकित्सक से सलाह लें। डॉक्टरों को जेनेरिक दवाओं के बारे में अच्छी जानकारी होती है और वे आपको यह बता सकते हैं कि कौन सी जेनेरिक दवाएं सुरक्षित और असरदार हैं। साथ ही, वे आपको सस्ती और प्रभावी जेनेरिक दवाएं सुझा सकते हैं, जो आपके इलाज के लिए उपयुक्त हों।

नकली दवाएं बाजार में बिकती हैं, जो आपकी सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकती हैं। इसलिए, अगर आप किसी दवा के पैक पर कुछ असामान्य देख रहे हैं, जैसे कि अलग रंग, धुंधला लेबल, या असामान्य पैकिंग, तो उसे तुरंत छोड़ दें। हमेशा प्रमाणित ब्रांड और उत्पाद खरीदें। आपके द्वारा खरीदी जा रही जेनेरिक दवा के बारे में फार्मासिस्ट से भी पूछ सकते हैं। वह आपको यह बता सकते हैं कि दवा की गुणवत्ता कैसी है और क्या यह सही ढंग से बनाई गई है या नहीं। फार्मासिस्ट की सलाह बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि वह दवाओं की गुणवत्ता और असर के बारे में अच्छे से जानकार होते हैं।

निष्कर्ष

जेनेरिक दवाएं न केवल ब्रांडेड दवाओं के समान प्रभावी और सुरक्षित होती हैं, बल्कि वे आर्थिक दृष्टि से अधिक किफायती भी होती हैं। इन दवाओं में वही सक्रिय तत्व होते हैं जो ब्रांडेड दवाओं में होते हैं, और इन्हें नियामक एजेंसियों द्वारा गुणवत्ता और सुरक्षा के लिहाज से प्रमाणित किया जाता है। हालांकि, कभी-कभी जेनेरिक दवाओं में फार्मास्युटिकल सहायता तत्व भिन्न हो सकते हैं, लेकिन यह उनके प्रभावशीलता को प्रभावित नहीं करता।

यदि आप जेनेरिक दवाओं का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि आप दवा के गुणवत्ता मानकों की जांच करें और किसी योग्य स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श लें। जेनेरिक दवाएं सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हैं, खासकर जब आपकी प्राथमिकता किफायती इलाज हो।

आखिरकार, जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा लाभ यह है कि वे लाखों लोगों को सस्ती और प्रभावी दवाइयां उपलब्ध कराती हैं, जो स्वास्थ्य देखभाल के खर्चे को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।

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